Saturday, 23 December 2017

बाइबिल में लिखा हुआ है;कि जो आदमी .

 *क्रिसमस पर माँ के प्रवचन*
*महाअवतरण श्रीमाताजी निर्मला देवी*
*जैसे ईसा मसीह के लिए सब लोग कहते हैं कि;वह सूली पर चढ़ गए।उनके लिए वह नाटक था।उनके लिए सूली-वूली होती क्या चीज है?..................आप ही सोचिए इतना शक्तिशाली आदमी,जिसने तूफान को रोका था,क्या वह इन गधों को रोक नहीं सकता था?....वह भी चाहता तो क्रूस को गिरा देता,और सब तहस-नहस कर देता, लेकिन वह कह रहा था;कि इन बेवकूफों को थोड़ा बेवकूफ बनाएं,इसलिए वह बेवकूफ बनाकर चले गए;और हम लोग सोचते हैं कि वह Crucify हो गए वह क्या crucify होंगे अविनाशी जीव कभी crucify नहीं हो सकता।वह बार-बार आते हैं संसार में,और संसार का कल्याण करते हैं।उनको ना कोई मार सकता है।ना ही कोई प्राण ले सकता है। ना ही उनको कोई दुख दे सकता है।ना ही उनको कोई सुख दे सकता है।वह आनंद की स्थिति में रहता है।सहज योग ऐसी स्थिति में मनुष्य को पहुंचाता है*।
(22/12/73)

*महाअवतरण श्रीमाताजी निर्मला देवी*
*ईसा मसीह ने यही चाहा कि हमारा आज्ञाचक्र ठीक हो जाए,और वह आज्ञाचक्र आपके दिल्ली में बहुत पकड़ता है,इसका कारण क्या है?.................पहले अंग्रेज यहां रह गए,और अंग्रेजो ने हमें घमंड करना सिखाया।आप लोगों की बातचीत से पता कर सकते हैं*।
(दिवाली पूजा,नोएडा,2007)

* महाअवतरण श्री माताजी निर्मला देवी*
*आप लोग सहजयोगी हैं,आप को समझना चाहिए कि कौन सी चीज सौंदर्य पूर्ण है,और सौंदर्य को समझना चाहिए,तभी आप अपने जीवन को भी सुंदर बनाएंगे....कि जो आदमी आपसे मिले या औरत आपसे मिले; तो यह कहे कि बहुत ही बढ़िया आदमी है, बहुत ही सुंदर है।जिस तरह से आप अपने को सौंदर्य से सजाएंगे,इसी तरह से आसपास के वातावरण और घरों को सौंदर्य से सजाएंगे। यह पहली पहचान है।......अगर सहजयोगी भूत जैसा घूमता हो,तो किस काम का*?
(2001/12/31)

*महाअवतरण श्रीमाताजी निर्मला देवी*
*बाइबिल में लिखा हुआ है;कि जो आदमी माथे पर टीका लगाकर आएगा,वह बचेगा.. लिखा है ऐसा.....वह सहजयोगी होंगे.....और कौन होगा*?
(क्रिसमस पूजा,2000)

*महाअवतरण श्रीमाताजी निर्मला देवी*
"ये इतना सूक्ष्म दरवाजा़ है कि इसमे से गुज़रने के लिए ईसा मसीह को इस संसार में आके गुज़रना पड़ा। क्योंकि हमारे अहंकार की वजह से हमने उनको मारा, क्योंकि हम बर्दाश्त नहीं कर पाए कि कोई इंसान भगवान बनके कैसे आया है,कोई इंसान बनके कहता है कि मैं भगवान हूँ ,ये मनुष्य बर्दाश्त नहीं कर पाता,इसीलिए उन्होने उसको मारा, उन्होंने कौन सी बुराई की थी, उन्होने दुनिया भर के लोगो को अच्छा किया दुनिया भर को अच्छी बातें सिखाईं...................लेकिन जो लोग आपको गंदी बातें सिखाते हैं, ऐसे जो हमे बेवकूफ बनाते हैं,ऐसे लोगों की रात-दिन हम किताबें पढते हैं,और उनके चरणों मे जाके रहते हैं.................उनके लिये हम पैसे लुटाते हैं और उनके लिए हम दुनिया भर की चीज़ करने के लिए तैयार हैं..........और अगर कोई ऐसा सच्चा आदमी आकर खड़ा होता है ,तो उसको क्रूस पर चढ़ा देते हैं, इस.तरह के महामूर्ख और अहंकारी लोगों को एक बहुत बड़ा लेसन देने के लिए...........स्वयं साक्षात परमेश्वर ने इस संसार मे अपने इकलौते बेटे को भैजा जिसको आपने क्रास पे चढ़ा दिया, ये आपके अकल के नमूने देखिये,जो आपने तारे तोड़े हुए हैं।और इसी प्रकार आप हर बार करते आए हैं, पहले कोई भी incarnation आया तो मनुष्य इसी प्रकार करता गया और सत्य सेभागता गया।.....
आज मैं सुनती हूँ कि लोग शिरडी बहुत जाते हैं, हलाँकि वहाँ से अब साईंनाथ उठ गये वहाँ इतनी गंदगी कर रखी ,शिरडी इसलिए क्योंकि आज यहाँ साईंनाथ मौजूद नहीं हैं,जब शिरडी के साईंनाथ थे तो उनको खाने को नहीं था.........मनुष्य की महामूर्खता जो है कि जो मर गया उसके पीछे दौड़ना...................
आपने देखा है कि बहुत से यहाँ पे शिरडी के भक्त आए थे और उनसे पूछा गया कि साक्षात माताजी आप शिरडी के साईंनाथ हैं तो उनके अंदर से vibration आए सही बात है। जब भी कोई incarnation आया तो उससे पूछा जाता तो आपको उसका उत्तर मिल जाता, लेकिन जब भी कोई आया तो आप पिछला जो मरा हुआ है उसको लेके बैठे हैं।"
(कुंडलिनी&जीसस, 270779)

*महाअवतरण श्रीमाताजी निर्मला देवी*
*ईसा मसीह ने कहा था कि, मैं अल्फा और ओमेगा हूं।अल्फा माने शुरुआत,और ओमेगा माने अंत।अबइससे सिद्ध हो गया कि ईसा मसीह जो थे,जो अल्फा और ओमेगा बन गए, वही श्री गणेश,वही ओंकार और वही स्वास्तिक ,अब हिटलर ने भी स्वास्तिक इस्तेमाल किया,उसको मेरे ख्याल से यह दलाई लामा वगैरह लोगों ने बताया की स्वास्तिक लगाओ।स्वास्तिक अगर ठीक से बनाया हो, जिसकी गति राइट साइड में होती है,स्वास्तिक प्रगतिशील होता है,वह इन्नोसेंस को बढ़ाता है,और अगर उसकी गति लेफ्ट साइड की हो गई,माने चक्र उल्टे हो गए तो, मनुष्य का सर्वनाश हो सकता है।उसको हर तरह की बीमारियां हो सकती हैं,और ऐसी बीमारियां हो सकती हैं कि,जिसको आप बिल्कुल किसी भी तरह से ठीक नहीं कर सकते,जैसे कि आप जानते हैं,हमारे जो स्नायु है,मसल्स हैं वह एक बार शिथिल होने लग जाते हैं ,उसमें आदमी जो है हिलने लग जाता है ,और उसकी यह बीमारी ठीक नहीं हो पाती ,धीरे धीरे उसके मसल्स कमजोर होते जाते हैं ,यह श्री गणेश की उलटी दिशा में घूमने की वजह से होता है ,वही हाल हिटलर का हुआ।हिटलर ने श्री गणेश की शक्ति इस्तेमाल करने के लिए यह स्वास्तिक बनाया,जब तक वह सीधी तरह से बना था, स्टेंसिल से बनाते थे ,तब तक वह काफी बढ़ते रहें फिर वही स्टैंसिल दूसरी तरफ से इस्तेमाल करना शुरू किया ,तो उलट गए उसके उलटे हो जाने से ही हिटलर हार गया। स्वस्तिक का इसीलिए महत्व है।बहुत से लोग कहते हैं कि ,मोहम्मद साहब ने इतनी सारी सारी शादियां क्यों की?यह समयाचार है,उस जमाने में इतने लोग मारे गए थे ,यंग लोग मारे गए थे,आदमी लोग ,तो औरतों के पास कोई व्यवस्था ही नहीं थी कि, वह कुछ ना कुछ ऐसे कामों में लग जाएं, जिससे कि वह अपना धन उपार्जन कर सके, तो वह करते क्या?और विवाह एक बंधन है, जिससे कि मनुष्य पवित्र रह सकता है, इसलिए मोहम्मद साहब ने इतनी शादियां करके उन लोगों को बचाने की कोशिश की, उन औरतों को जो कि गलत रास्तों पर जा सकती थी,इसको समझने के लिए आप कृष्ण को भी देखिए कि,उसकी 16000 पत्नियां थी ,अब वह पुरुष थे,और पुरुषों पर लांछन पहले लगते हैं, हम मां हैं हमारे ऊपर कोई लांछन नहीं लगा सकता,वह अगर इन 16000 अपनी शक्तियों को अपने साथ रखते तो, लांछन हो जाता जो उनकी 16000 शक्तियां और पंचमहाभूत की शक्तियां यह सब उन्होंने सोचा कि शादी कर ले ठीक ,कोई नहीं कुछ कह सकता ,तो यह उनकी शक्तियां थी,जिनसे उन्होंने शादी की। इस प्रकार हमारे यहां भी कि ,यह जो परमात्मा के अवतरण हुए हैं,उन्होंने ऐसे काम क्यों किए,जो कि समाजनीति से अलग, देखने में विचित्र लगते हैं,क्योंकि वह अवतरण है ,वह परमात्मा का अंश है,वह परमात्मा का स्वरूप ही है,वह जो भी करें अच्छा ही करते हैं,पाप नहीं करते ,उनके अंदर श्री गणेश पूर्णतया जागृत हैं,इस प्रकार हमें सोचना चाहिए कि,सिर्फ श्री गणेश की पूजा करने से नहीं होगा ,उनकी महत्ता गाने से नहीं होगा ,और उन पर लेक्चर देने से भी नहीं होगा उनको अपने अंदर जाग्रत करना चाहिए ,यह जागृति आप सबकी तो हो ही गई है।
(Shri Ganesh Puja,Delhi-India,1993)

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