कुंडलिनी की जागृति, दिव्य ऊर्जा को उन छह चक्रों या ऊर्जा केंद्रों के माध्यम से प्रवाहित होने की अनुमति देती है
कुंडलिनी की जागृति, दिव्य ऊर्जा को उन छह चक्रों या ऊर्जा केंद्रों के माध्यम से प्रवाहित होने की अनुमति देती है, जो शरीर के शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलुओं का ध्यान रखते हैं, आज की तेजी से आगे बढ़ रही दुनिया में हम अक्सर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हम खुद को निचोड़ लेते हैं। तनाव उसी का परिणाम है और यह हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव भी डालता है। लेकिन सहज योग स्वयं को तनावमुक्त रखने का सबसे आसान तरीका है। यह हमें प्रेम और करुणा का अनुभव करने में सक्षम बनाता है।
मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद माना गया है।😄😃
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मौन की प्रधानता वाले सहज योग के कई आयाम हैं और शोधकर्ताओं के मुताबिक मौन की यही प्रक्रिया कायिक और मानसिक स्वास्थ्य के कई रास्ते खोलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा विभाग के वरिष्ठ व्याख्याता रमेश मनोचा ने ऑस्ट्रेलिया से बताया कि हमने पाया कि सामान्य लोगों की तुलना में उन लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत ज्यादा अच्छी थी, जिन्होंने कम से कम दो वर्षों तक सहज योग को आजमाया था।😄😃
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