*सिरदर्द और माइग्रेन दूर होता है, "अल्लाह ओ अकबर बोलने एवं पैगम्बर साहब का नाम लेने से"*
"....अभी एक लड़की आई थी वहाँ दिल्ली में.....उसको बहुत दिन से माइग्रेन था इतना ज़्यादा...। मैने कहा कि भई तुममें कोई कट्टरता है क्या? तो कहती है कि मेरे में तो कोई नहीं है। मैं तो भगवान को बहुत याद करती हूँ। मैने कहा कौन से भगवान को। कहने लगी मैं तो भई हिंदू धर्म वाली हूँ, तो हिंदू धर्म के जितने भी भगवान हैं, उनको सबको मैं मानती हूँ। मैने कहा अच्छा बेटे, तुम ऐसा करो कि यहाँ पर नाभि चक्र पर जनकजी का नाम लो, चाहे तुम दत्तात्रेयजी का नाम लो, वो तुम्हारे आदिगुरू हैं। लिया उसने, कहने लगी, कुछ फरक नहीं पढ़ा। मैने कहा अच्छा तुम अपनी ये ऊँगलियाँ कान में डालकर, अल्लाह-ओ-अकबर कहो, और पैगम्बर साहब का नाम लो। *फौरन उसका सरदर्द चला गया।* उसने कहा कि माँ ये कमाल हो गया। मेरा सरदर्द किस वजह से था? मैने कहा *क्योंकि तुम कट्टर हो। किसी को आप नफरत करेंगे तो सरदर्द होगा ही आपको।* अधिकतर आपमें बीमारियाँ इसीलिए हैं क्योंकि आप किसी ना किसी कारण, किसी ना किसी बहाने नफरत करते हैं। परमात्मा ऐसे आदमी की क्यों मदद करेगा, आप ही बताइये कि आप और नफरत करें? और *अगर आप किसी से नफरत करते हैं, तो परमात्मा आपको और शक्ति देगा या आपको बीमारियां ही देगा।* वो भी आपसे नफरत करता है। नफरत ऐसी चीज है कि मनुष्य के जाती है दूसरी तरफ, तो नफरत ही वापस आती है। *आप गर दूसरे के प्रति प्रेम रखिए, तो प्रेम जाता है और प्रेम आता है।"*
*---परमपूज्य माताजी श्रीनिर्मलादेवी*, सहजयोग संस्थापिका। 17.03.1975
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