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आत्मनिर्भय और आत्मविश्वास × निडरता से विकसित करें
यदि आपको देवी में विश्वास है तो आप जान लें कि वे बहुत शक्तिशाली हैं, वे अत्यंत विवेकशील हैं। यदि उनको आपकी रक्षा करनी है तो वे इस प्रकार से आपकी रक्षा करेंगी कि आप समझ ही नही पाएंगे। अनुभव से यह विश्वास विकसित किया जाना चाहिए कि किस प्रकार आपकी रक्षा की गयी और किस प्रकार आप कठिनाइयों से बच सकते हैं।
यदि वास्तव में देवी की पूजा करते हैं तो आपको किसी प्रकार की चिंता या भय नहीं होना चाहिए। जो भी आप कर रहे हैं, उसे निडरतापूर्वक करें। देवी की सभी शक्तियां आपमें अभिव्यक्त होने लगेगी। इस प्रकार आप आत्मनिर्भय होने लगेंगे और इस आत्मविश्वास का विकसित होना भी आवश्यक है। जब आप आत्मनिर्भय हो जाएं तो आप न केवल अपनी सहायता कर सकते है परन्तु अन्य लोगों की भी सहायता कर सकते हैं।*
*---परमपूज्य श्रीमाताजी,* निर्मल योगा 16.03.1984, कबेला 09.10.1994
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