Leave a message

Saturday, 27 October 2018

मूलाधार चक्र में ध्यान सहजयोग ध्यान विधि by H.H. Shree mata ji






जय श्रीमाताजी
🌹
मूलाधार चक्र की चार पंखुडियां
इन पंखुडियो से हम श्री माताजी से हमारे सहस्रार से बहने वाले प्रणव को सोखते है।
ये तभी संभव है जब हमारी ग्रहण शक्ति पूर्णतया जागृत हो।
आज हम इस ग्रहण शक्ति को ध्यान में पूर्णतया जागृत करेंगे, हर पंखुडी में माँ के आशीर्वाद हैं।

पहली पंखुडी :
1.प्रकृति के साथ एकाकारिता (शांति), संतुलन
2. दिशाओ का ज्ञान
3. निष्पाप innocence

मूलाधार की पहली पंखुडी धरती माँ की तरफ हें। इस पंखुडी से माँ हमें ब्रह्मानंद प्रदान करती है।
प्रार्थना : श्री माताजी कृपया हमें अबोधिता से निर्मित होंने वाला आनंद प्रदान करें। पवित्रता से एकरूपता प्रदान करे ।सुन्दर घटनाओ का अनुभव महसूस कराएँ।
ॐ त्वमेव साक्षात् श्री ब्रह्मानंद साक्षात् .......मन्त्र लेंगे
दूसरी पंखुडी में तीन आशिर्वाद हैं।
1. स्वाभिमान
2.राजसी तत्व
3. आत्मिक समाधान

दूसरी पंखुडी- बायीं तरफ- लेफ्ट साइड : प्रार्थना : श्री माताजी कृपया हमारे अन्दर श्री गणेश तत्त्व जागृत करें। आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग में आने वाली सभी प्रकार की बाधाये श्री गणेश तत्त्व द्वारा दूर करके हमें आध्यात्मिक जीवन प्रदान करे।

तीसरी पंखुडी में तीन आशीर्वाद हँ।
1.श्री गणेश जी का संपूर्ण समर्पण अनन्य भक्ति, विनम्रता
2.परमेश्वर पर श्रद्दा
3.परमेश्वरी ज्ञान

तीसरी पंखुडी- दायीं तरफ-राईट साइड : प्रार्थना :
श्रीमताजी कृपया हमें शुद्ध आत्मा की भव्यता, दिव्यता, श्रेष्ठता प्रदान करें जिससे हमारे शरीर के अणू रेणु में परमात्मा के प्रति श्रद्धा, शुद्व ज्ञान (परमेश्वरी) ज्ञान से एकरूपता,चातुर्यता(श्री गणेश जी का समय सूचक पॉवर )यानि अभी इस वक्त क्या करना ह (present) वाला ज्ञान प्रदान करें।

चौथी पंखुडी ऊपर की तरफ सहस्रार की तरफ है।
तीन आशीर्वाद:
1. निर्भयता
2.सामूहिक चेतना
3.सहस्त्रार से बहता हुआ अमृत इकट्ठा करने की शक्ति

प्रार्थना : श्री माताजी कॄपया हमें श्री गणेश जी की निर्भयता प्रदान करें, श्री गणेश जी का सम्यक ज्ञान प्रदान करें।
माँ कृपया मेरे रोम रोम में आपका निर्वाज्य प्रेम भर जाये।
अपने मूलाधार चक्र का अहंकार दूर करने के लिए प्रार्थना :
श्री माँ ये सारा ज्ञान आप ही से आ रहा ह, मैं तो अज्ञानी हूँ ।

जय श्री माताजी



No comments:

Post a Comment

श्री माँ की ममता को feelकर ने के लिए video को पूरा देखें कुण्डलिनी जागरित अवस्था में आ जाएगी

कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि |

इसका उल्लेख गुरु नानक, शंकराचार्य, कबीर और संत ज्ञानेश्वर के प्रवचनों में मिलता है। यह किसी की मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मि...

a