Saturday, 1 December 2018

Part-2 ड्रग ,शराब ,सिगरेट इन सारी नशे की लत कैसे लगती है और इसे कैसे छुड़ाएं सहज योग ध्यान विधि by H.H. Shree mata ji










ड्रग्स
यदि आप भांग या किसी मादक पदार्थ का सेवन करते हैं तब आप इड़ा नाड़ी पर खींच लिये जाते हैं और कुछ समय के लिये आपका अहंकार पीछे की ओर धकेल दिया जाता है। सभी प्रकार की ड्रग्स आपको आपकी चेतना से दूर ले जाती हैं। मादक पदार्थ लेने वालों के साथ मेरा अनुभव काफी दुखद है। जो इसमें आये उन्होंने काफी धीमी गति से प्रगति की। वे बांयी ओर के आक्रमणों के लिये काफी कमजोर और संवेदनशील थे। ड्रग्स लेने वालों के लिये मैं काफी दुखी हूं, उन्हें चुनौती स्वीकार करने के लिये अपनी इच्छाशक्ति का प्रयोग करना पड़ेगा और मादक पदार्थों के लिये अपनी दासता या गुलामी को त्यागना पड़ेगा।
(Letter to Jeremy, 1982, printed in Nirmala Yoga
no.12)

ड्रग्स आपकी बांयी नाभि को प्रभावित करती हैं या दांयी नाड़ी को भी। जो आपकी बांयी नाड़ी को प्रभावित करती हैं वे आपको काफी दूर अंधकार में ले जाती हैं। कई बार आप काफी उग्र हो जाते हैं, जब कि आपने बांयी नाड़ी प्रधान ड्रग ली होती है। यह काफी आश्चर्यजनक है, ड्रग लेने वाले व्यक्ति को कुछ भी हो सकता है, आपको आश्चर्य होगा कि वह पागल भी हो सकता है।
(Advice on the treatment of virus infections, Pune, 1/12/87)

13. तंबाकू
हमारी उत्क्रांति के समय कई पौधे व जानवर नष्ट हो गये क्योंकि वे मध्य में नहीं थे….. अतः वे सामूहिक अवचेतन में चले गये और उत्थान करने वाले लोगों को हानि पंहुचाने के लिये सूक्ष्म जीवों के रूप में वापस आ गये। जैसे आजकल वाइरस के आक्रमण काफी होते हैं। ये वे पौधे हैं जो सर्कुलेशन से बाहर चले गये थे। कुछ समय बाद आप देखेंगे कि तंबाकू और कई अन्य ड्रग्स सर्कुलेशन से बाहर चले गये हैं।
(Ekadesha Rudra Puja, Austria, 8/6/88)
यदि आप सिगरेट पीते हैं तो विष्णुमाया क्रोघित हो जाती हैं। वही कैंसर का कारण बनती हैं। वह आपका गला खराब कर देती हैं। सिगरेट पीने से गले, नाक व कान की कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं क्योंकि उन्हें सिगरेट पीना अच्छा नहीं लगता। सिगरेट से गले के कैंसर के प्रति आप काफी संवेदनशील हो जाते हैं।
(Vishnumaya Puja, New York, 19/7/92)

14. एल्कोहल या शराब
विश्व के सभी संतों ने शराब को स्वास्थ्य के लिये हानिकारक बताया है क्योंकि यह आपकी चेतना के विरोध में जाती है। यह सत्य है कि शराब पीने के बाद हमारी चेतना धुंधली और उत्तेजित हो जाती है। यह सामान्य नहीं रह पाती। यही कारण है कि संतों ने इसका सेवन करने से मना किया था।
(2nd Sydney Talk 27/3/81)

आपके ऊपर आपकी मां का अनिवार्य बंधन कार्य करता है। यदि आप शराब पीते हैं तो आप उल्टी कर देंगे।
(Nirmala Yoga no.12, p25)
जैसा आप सभी जानते हैं कि एल्कोहल कई प्रकार का होता है। यह इसलिये खराब है कि यह आपके लिवर को और आपकी चेतना को चौपट या नष्ट कर देता है। यह आपको फूहड़ भी बना देता है, आपका चित्त धुंधला हो जाता है। शराब आपको धर्म से भी दूर ले जाती है।
(Advice on the treatment of virus infections, Pune, 1/12/87)

शराब हमारे आत्मसाक्षात्कार की सबसे बड़ी दुश्मन है। जो लोग शराब पीते हैं वे उसके गुलाम बन जाते हैं, उनका मस्तिष्क खराब हो जाता है। मैं समझती हूं उनका सहस्त्रार भी शराब के कारण खराब हो जाता है। शराब उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है।

(Sahasrara Puja 2001)


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