Wednesday, 4 April 2018

H.H. Shri Mataji about children/कुछ बच्चे एकदम दुबले पतले होते हैं और उनका वजन भी बहुत कम होता है।




1990 Shri Mataji about children, Diwali



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छोटे बच्चों के लिये लिवर ट्रीटमेंट ---->>>
(छोटे बच्चों को सलाह, वियेना ऑस्ट्रिया, 9 जुलाई 1986.)


मैंने ये भी देखा है कि कुछ बच्चे एकदम दुबले पतले होते हैं और उनका वजन भी बहुत कम होता है। अतः हमें तुरंत देखना चाहिये कि क्या बच्चे का लिवर खराब है? हो सकता है कि बच्चे का लिवर अस्पताल में ही खराब हो गया हो क्योंकि ये बच्चे जन्मजात आत्मसाक्षात्कारी होते हैं और अस्पताल में हो सकता है उस समय कोई हिपेटाइटिस का रोगी भर्ती रहा हो या कोई और रोगी रहा हो। बच्चे इसको कैच कर लेते हैं और उनको जॉन्डिस जैसे रोग हो जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिये सबसे अच्छी दवाई मूली के पत्तों को उबालकर उसमें थोड़ा शक्कर डालना है और फिर उसको दवा के रूप में बच्चे को देना है।
बहुत छोटे बच्चों यानी छः महीने से छोटे बच्चों को ये पानी न दें। इस पानी को थोड़ा गरम कर लें और बच्चे को पीने के लिये दें। इसमें गुड़ भी डाल सकते हैं। हो सकता है इसका स्वाद ज्यादा अच्छा न हो परंतु ये दवा छोटे बच्चों और के लिये बहुत अच्छी होती है। यदि आप उऩको बचपन में ये दवा नहीं देंगे तो उऩको हमेशा लिवर की समस्या रहेगी। उनके लिवर को चंद्रमा का मंत्र पढ़कर शांत रखें। अपना बाँया हाथ उनके लिवर पर रखें और उसको शांत या ठंडा करें। मेरे फोटो से चैतन्य ग्रहण करें और देखें कि बच्चे का लिवर शांत हो गया है। जब बच्चों को लिवर खराब हो जाता है तो वे ठीक से दूध नहीं पीते और एकदम कमजोर हो जाते हैं। उनका चेहरा भी पीला पड़ जाता है। जब उनका लिवर इनैक्टिव या सुस्त हो जाता है तो उनके शरीर पर बहुत जल्दी रैशेज या छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। जैसे ही लिवर सुस्त पड़ जाता है तो बच्चों को कैलशियम देना शुरू कर दें। यदि उनके शरीर पर दाने या रैशेज हो जाँय तो उन्हें किसी भी रूप में कैलशियम देना शुरू कर दें। रैशेज होने पर उऩको विटामिन ए और डी भी देना चाहिये।...

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