Note:- यदि आप सहज योग meditation में नये है तो पहले नीचे दिये...... कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि से.... उसे vedio को देखें और नजदी की सहज योग केद्र में जरूर आए। और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये message box से हमसे पूछ सकतें है |
यह vedio केवल पूराने ( old )साधको के लिए है
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***माताजी श्री निर्मलादेवी के नाम के साथ ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये***
*क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।*
उत्तर है *हाँ हो सकते हैं*
वैज्ञानिक शोध करके पता चला है कि......
सिर्फ 6 मिनट *ऊँ* का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........
छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है
.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।
कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं
... स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..।
लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है।
रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।
विशेष ऊर्जा का संचार होता है
......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से
घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।
कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..।
थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।
पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से
पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..।
उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।
फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
आयु बढती है।
ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।
*जरूरत है छः मिनट रोज करने की....।*
*नोट:- ॐ का उच्चारण त्वमेव साक्षात श्री आदिशक्ति माताजी श्री निर्मलादेवी नमो नमः के साथ करने से और भी त्वरित,स्थाई चमत्कारी प्रभाव होते है ।।।*
मेहर श्री माताजी
*जय श्री माताजी।*
*बिजमन्त्र और बीजाक्षर द्वारा ध्यान*
*"जब तक आप संस्कृत में श्लोक उच्चारण करते नही तबतक मेरे चक्र प्रतिक्रिया नही करते"*
परमपूज्य श्री माताजी (निर्मल सुरभि पा.नं.63)
*अ ऊ म* (तीन बार)
*अ ऊ ओ म* (तीन बार)
*अ ऊ ओ ओं* (नाक में उच्चार) *म* (तीन बार)
*ओ ओं म्*
*ॐ* ( एक श्वास में बोलिए)
*ॐ ॐ* (एक श्वास में कहे)
*ॐ ॐ ॐ ॐ* ( एक श्वास में कहे) ( चार बार)
*ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ*
(8 बार एक दम में )
*१)मूलाधार;-*
बीजमंत्र- *ॐ लं लं लं लं ॐ*
(4 पंखुड़िया)
बीजाक्षर - *ॐ वं शं षं सं ॐ*
*२)स्वाधिष्ठान;-*
*ॐ वं वं वं वं वं वं ॐ*
( 6 पंखुड़ीया)
*ॐ बं भ मं यं र लं ॐ*
*३)नाभि;-*
*ॐ रं रं रं रं रं रं रं रं रं रं ॐ*
(10 पंखुडिया)
*ॐ डं ढं णं तं थं दं धं नं पं फं ॐ*
*४)अनाहत;-*
*ॐ यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं यं ॐ*
(12 पंखुड़िया)
*ॐ कं खं गं घं ङं चं छं जं झं ञं टं ठं ॐ*
*५)विशुध्दि;-*
*ॐ हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं ॐ*
(16 पंखुड़िया)
*ॐ अं आं इं ई उं ऊं ऋं ऋृ लृं लॄएं ऐं ओं औ अं अ:ॐ*
*६)आज्ञा;-*
*ॐ ॐ ॐ*
(2 पंखुड़िया)
*ॐ हम् क्षम् ॐ*
*७)सहस्त्रार;-*( 1000पंखुड़िया)
*ॐ सर्व मंगल मांगल्ये।*
*शिवे सर्वाथे साधिके।*
*शरण्ये त्र्यंबके गौरी।*
*नारायणी नमोस्तुते।।*
*जय श्री माताजी।*
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