Saturday, 1 September 2018

समस्याओं को देखना प्रारंभ कर दे , फिर आप समस्याओं से घबराते नहीं हैं। साक्षी अवस्था की शक्ति अत्यंत जबरदस्त है। by H.H. Shree mata ji


Note:- यदि आप सहज योग meditation में नये है तो पहले नीचे दिये......  कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि से.... उसे vedio को देखें और नजदी की सहज योग केद्र में जरूर आए। और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये message box से हमसे पूछ सकतें है |

यह vedio केवल पूराने ( old )साधको के लिए है
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श्री कृष्ण के आशीर्वाद फलस्वरूप हम साक्षी रूप होते है। साक्षी स्वरूप होना अर्थात जो कुछ भी आपको परेशान करने वाला है, दुख देने वाला है। उन सभी समस्याओं को आप देखना प्रारंभ कर देते हैं। उनको साक्षी अवस्था में देखना प्रारंभ कर देते हैं और फिर आप उन समस्याओं से बिल्कुल भी घबराते नहीं हैं। इस देखने की अवस्था या साक्षी अवस्था की शक्ति अत्यंत जबरदस्त है। बिना कुछ सोचे हुये जो कुछ भी आप देखते हैं


.... तो आपकी वह समस्या ही समाप्त हो जाती है। आपकी यदि कोई भी समस्या है तो एक बार यदि आप साक्षी अवस्था में चले जाये, इसे तटस्थ भाव कहते हैं, इसका अर्थ है कि आप समुद्र के किनारे पर खड़े होकर लहरों के उतार चढ़ाव को देखने लगते हैं और इसके बाद आपको मालूम हो जाता है कि उस समस्या को किस प्रकार से हल करना है? अतः आपको साक्षी भाव विकसित करना है। कई बार मैंने देखा है कि इसको विकसित करने के लिये लोगों को कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना है।

.....ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि एक बार जब आपकी कुंडलिनी सहस्त्रार से नीचे की ओर ऊर्जा का संचरण करने लगती है और आपके चक्रों पर गतिमान होकर विशुद्धि चक्र को प्लावित करने लगती है जहाँ पर इसको विश्राम करना है तब आपको कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है और आप सोचने लगते हैं कि "जरा देखिये मेरा जीवन कितना शांत और आनंदमय था।" मुझे कितने आशीर्वाद प्राप्त होने लगे थे और अब अचानक से न जाने क्या हो गया है? इसी समय आपको तटस्थ रहने की जरूरत है मतलब कि आपको साक्षी भाव में रहना है। यदि आप साक्षी अवस्था में रहते हैं तो प्रत्येक चीज में सुधार होने लगता है।"
प.पू. श्री माताजी निर्मला देवी
6/08/1988, कृष्ण पूजा, कोमो, इटली

1 comment:

श्री माँ की ममता को feelकर ने के लिए video को पूरा देखें कुण्डलिनी जागरित अवस्था में आ जाएगी

कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि |

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