Monday, 19 March 2018

परमपूज्य माताजी श्रीनिर्मलादेवी देश के लिए प्रेम होना / ध्यान में प्रगति भाग 1



Note:- यदि आप सहज योग meditation में नये है तो पहले नीचे दिये......  कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि से.... उसे vedio को देखें और नजदी की सहज योग केद्र में जरूर आए। और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये message box से हमसे पूछ सकतें है |

यह vedio केवल पूराने ( old )साधको के लिए है
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   *परमपूज्य माताजी श्रीनिर्मलादेवी*
    ध्यान में प्रगति  भाग 1

   
      ......पहली तो ये है कि हमें इसका ज्ञान आ जाना चाहिए। ज्ञान का मतलब बुद्धि से नहीं। किन्तु हमें अंगुलियों में, हाथ में और अन्दर से कुण्डलिनी का पूरी तरह से जागरण होना ये ज्ञान है और जब ये ज्ञान हो जाता है तब और भी ज्ञान होने लग जाता है। बहुत सी बातें जो आप नहीं समझ पाते थे वह आप समझ पा रहे हैं और आप समझने लग जाते हैं कि कौन सत्य है कौन असत्य। इस ज्ञान के द्वारा आप लोगों की कुण्डलिनी भी जागृत कर सकते हैं और उनको समझा सकते हैं। उनसे आप पूरी तरह से एकाग्र हो सकते हैं।
     
  
*---परमपूज्य श्रीमाताजी, दिल्ली, 30 मार्च 1990

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