Sunday, 14 January 2018

सवेरे उठ कर ध्यान नहीं करेंगे, वे सहज में कितने ही कार्यान्वित रहे, और सब कुछ करते रहे, अपनी गहराई को पा नहीं सकते।

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🌹सवेरे के ध्यान के बिना गहराई पाना असंभव 🌹

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🌹सवेरे के ध्यान के बिना गहराई पाना असंभव 🌹
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......🌹सवेरे का जो ध्यान है, वह अपनी ओर नजर करने का ध्यान है कि मैं क्या कर रहा हु? मेरे अंदर क्या दोष है, मेरे अंदर क्रोध आता है, इस क्रोध को में कैसे नष्ट करूँ। मेरी ऐसी कौन इच्छाये होती है कि जो मेरे लिए दुखदायी होती है, मुझे नष्ट करेंगी, उधर में क्यों जाता हूं? इस पर ध्यान देने से आपको पता चलेगा क़ि आपको कोनसे चक्र की पकड़ है। उसको आपको साफ करना है, उसको साफ करके, ठीक-ठाक करके आप बैंठे। इसको "प्रत्याहार" कहते है। माने इसकी सफाई करनी चाहये। मन की सफाई करनी चाहिए।🌹
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..... 🌹जो लोग सवेरे उठ कर ध्यान नहीं करेंगे, वे सहज में कितने ही कार्यान्वित रहे, और सब कुछ करते रहे, अपनी गहराई को पा नहीं सकते।🌹

           🌹प.पू.श्री माता जी ,🌹
             27 🌾11🌾1991


Tuesday, 2 January 2018

रोज़ ध्यान से पहले हम अगर ये मंत्र लेकर ध्यान करे तो चित्त सहस्त्रार पर ही रहता है और बहुत सुंदर अनुभूति होगी।




🌹 *जय श्री माताजी*🌹
"आज मैं आपको बताने जा रही हूँ कि सहस्त्रार के मन्त्र क्या हैं , जो बहुत महत्वपूर्ण हैं । आप पीछे से शुरू करें , अपना दायां हाथ मेरी तरफ करें , बायां हाथ पीछे । मध्य में यहाँ,या आप कह सकते हैं , जहाँपर little getting point है। वह महागणेशा हैं ।" (बैक आज्ञा)
  *मन्त्र सहस्त्रार*
१.श्री महागनेशा
२.श्री महावीरा
३.श्री महत मनसा (manasa)
४.श्री महत अहंकार
५.श्री हिरण्यगर्भा (महाब्रह्मदेव)
६.श्री सत्या
७.श्री महत चित्ता
८.श्री आदिशक्ति
९.श्री विराटा
१०.श्री कलकी
११.श्री सदाशिवा
१२.श्री अर्धमात्रा (अर्धविन्दु )
१३.श्री विन्दु
१४.श्री वलय
१५.श्री आदि ब्रह्म तत्व
१६.श्री सर्वस्व
१७.श्री सहस्त्रार स्वामिनी
१८.श्री मोक्षदायिनी
१९.श्री महायोगदायिनी
*प पू श्रीमाता जी निर्मला देवी*
🌹पूजा *२६/०१/१९८०* भारत🌹
जय श्री माता जी
रोज़ ध्यान से पहले हम अगर ये मंत्र लेकर ध्यान करे तो चित्त सहस्त्रार पर ही रहता है और बहुत सुंदर अनुभूति होगी।

श्री माँ की ममता को feelकर ने के लिए video को पूरा देखें कुण्डलिनी जागरित अवस्था में आ जाएगी

कैसे प्राप्त करें आत्म साक्षात्कार? कुण्डलिनी जागरण और सहजयोग ध्यान विधि |

इसका उल्लेख गुरु नानक, शंकराचार्य, कबीर और संत ज्ञानेश्वर के प्रवचनों में मिलता है। यह किसी की मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मि...